आरजू मुलाकात की...(Love Poetry)

नजर भर के ना देखा ना कुछ बात की ,

तो क्या आरज़ू मुलाकात की,

अब तो ये भी नही कोई पूछता,

कहां दिन गुजरा कैसी रात थी,

पता ये चलता है वो तो है संगदिल,

उन्हे खबर क्या मेरे जज्बात की,

तुम्हे पाकर भी हम अकेले रहे,

अज़ब दुरियां  है हालात की,

कसम है ना भुलेन्गे कभी,

जो गलियाँ गुजारी तेरे साथ की,!!

          राजन सोनकर ✍

नजर भर के ना देखा ना कुछ बात की ,  तो क्या आरज़ू मुलाकात की,  अब तो ये भी नही कोई पूछता,  कहां दिन गुजरा कैसी रात थी,  पता ये चलता है वो तो है संगदिल,  उन्हे खबर क्या मेरे जज्बात की,  तुम्हे पाकर भी हम अकेले रहे,  अज़ब दुरियां  है हालात की,  कसम है ना भुलेन्गे कभी,  जो गलियाँ गुजारी तेरे साथ की,!!            राजन सोनकर

Translate.....

Did not look or talk about anything,


 So did Arzoo meet,


 Now nobody even asks,


 Where was the night, how was the day


 It turns out that he is soulless,


 What did they tell me about my feelings,


 Even after you found me we were alone


 Amazing conditions are the situation,


 I swear you will never forget


 The streets passed along with you, !!


           Rajan Sonkar✍


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