छुपाओ न ख़ुद को जमाने कि ख़ातिर
मिलो तुम कभी दिल लगाने कि ख़ातिर
छुपाकर रखो बूंद तुम मोतियों की
बहाओ न आंसू खजाने कि ख़ातिर
तेरे नाम की लत लगी है मुझें तो
की आ प्यार अपना लुटाने कि ख़ातिर
किया इश्क़ है गर भरोसा रखों तुम
ना आओ कभी आजमाने कि ख़ातिर
बुरा कुछ नहीं जो मिले गम जहां में
जियो जिंदगी गम भुलाने कि ख़ातिर
परेशानियां है बहुत ज़िंदगी में "राजन"
जियों जिंदगी मुस्कुराने कि ख़ातिर
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