किताब का.....(Love Shayari)

ना जाने कब अदा होगा कर्ज  उसकी मोहब्बत का !
हर रोज आँसुओ से उसकी किस्त भरता हूँ!!
तुम मेरी किताब का वो खुबसुरत पन्ना हो !
जिसे मै हर रोज लाखों बार पलटता हूँ !!

      राजन सोनकर ✍

ना जाने कब अदा होगा कर्ज  उसकी मोहब्बत का ! हर रोज आँसुओ से उसकी किस्त भरता हूँ!! तुम मेरी किताब का वो खुबसुरत पन्ना हो ! जिसे मै हर रोज लाखों बार पलटता हूँ !!        राजन सोनकर



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Don't know when the debt will be paid for his love!
 I pay his installments every day with tears!
 You are that beautiful page of my book!
 Which I turn millions of times every day !!

       Rajan Sonkar✍

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