दीवाने निकले...(Love Poetry)

हम भी कितने दीवाने निकले,

दिये🪔से अंधेरा मिटाने निकले,

गम-ऐ-दिल पर जो हमारे हँसा करते है,

हम उनको ही हाल-ऐ-दिल सुनाने निकले,

कागजी फूलों पर आती नही बहारे,

ये जानकर भी गुलशन सजाने निकले,

दुनियां मे बिकती है झूठी कहानियाँ,

सच्चे अफसाने सब हम जलाने निकले,

लोग बैठे है सब भर कर मुट्ठी मे नमक,

जाने क्या सोच कर हम जख्म दिल के दिखाने निकले,

हम कितने दीवाने निकले,

            राजन सोनकर ✍

हम भी कितने दीवाने निकले,  दिये🪔से अंधेरा मिटाने निकले,  गम-ऐ-दिल पर जो हमारे हँसा करते है,  हम उनको ही हाल-ऐ-दिल सुनाने निकले,  कागजी फूलों पर आती नही बहारे,  ये जानकर भी गुलशन सजाने निकले,  दुनियां मे बिकती है झूठी कहानियाँ,  सच्चे अफसाने सब हम जलाने निकले,  लोग बैठे है सब भर कर मुट्ठी मे नमक,  जाने क्या सोच कर हम जख्म दिल के दिखाने निकले,  हम कितने दीवाने निकले,              राजन सोनकर ✍  दीवाने निकले...(Love Poetry)

Translate....

How many crazy people we turned out to be,


 Such darkness came out,

 On the gum-a-heart that makes us laugh,


 We came out to tell them very recently,


 Paper flowers do not come on flowers,


 Knowing this, Gulshan came out decorating,


 False stories are sold in the world


 True officers, we all went out to burn,


 People are sitting all over with a handful of salt,


 Knowing what we thought, we went out to show the hurt


 How crazy we left


             Rajan Sonkar✍

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