निभा न सका....(मोहब्बत)

 न अपने पास उसको बुला सका,

न अपने दिल मे उसको बसा सका,

वो हँसी हँसीं  मे चल दिये,

और मै हाँथ तक न हिला सका,

मै यूं ही सोचता रहा दिन रात ,

मगर दिल की बात उसको न कभी बता सका,

ये मुकाम ही था कुछ अलग सा,

और मै खुद को भी न बचा सका,

वो जुदा भी इस कदर हुआ,

और मै कोई रश्म तक न निभा सका,,!!!

       राजन सोनकर ✍

न अपने पास उसको बुला सका,  न अपने दिल मे उसको बसा सका,  वो हँसी हँसीं  मे चल दिये,  और मै हाँथ तक न हिला सका,  मै यूं ही सोचता रहा दिन रात ,  मगर दिल की बात उसको न कभी बता सका,  ये मुकाम ही था कुछ अलग सा,  और मै खुद को भी न बचा सका,  वो जुदा भी इस कदर हुआ,  और मै कोई रश्म तक न निभा सका,,!!!         राजन सोनकर


Translate....

Neither could call him to himself,


 Could not settle it in his heart,


 He laughed in laughter


 And I could not even shake the arm,


 I just kept thinking day and night,


 But could never tell him about the heart,


 This place was something different,


 And I couldn't save myself either,


 That separation also happened so much,


 And I could not play any god, !!!


        Rajan Sonkar✍


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