वही गुलाब हो तुम !.... Love Shayari

 पहले लगता था,एक ख़्वाब हो तुम, 

अब ये लगता है,इक किताब हो तुम !


दिल की क्यारी मे,जिसकी खुशबू है,

मेरे दिल का,वही गुलाब हो तुम !


मेरी तनहाई में,जिधर देखो,

तुम ही तुम हो,हाँ बेहिसाब हो तुम !


मेरे दिल ने, जो कभी भेजा था,

शायद उस ख़त का,इक जवाब हो तुम!



वही गुलाब हो तुम !.... Love Shayari


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें