मै ना होता तो......

 तुम जो होते तो मुझे कितना सहारा होता,

मैने औरो को ना दुःख मे पुकारा होता,

जितनी सिद्दत से वास्ता था तुझसे,

किस तरह तेरे बिन मेरा गुजारा होता, 

हम बैठकर खामोशी से रोयें जाते,

शाम होते ही किसी दरिया का किनारा होता, 

मुझे ये सोच काफी है जलने के लिये, 

मै ना होता तो कोई और तुम्हारा होता।।


                              ✍राजन सोनकर 

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