हर पल देखा

जब भी तारों की गूंथे माला आसमान में। ।
हर पल देखा तुम्हें 
जब भी सरसों से मधु रस ले खलिहान में।।
हर पल देखा तुम्हें 
जब भी सूरज खिले नीले आसमान मे।।
हर पल देखा तुम्हें 
जैसे तुम हो बसे दिल में मेरे 
हर पल देखा तुम्हें। 




✍राजन सोनकर 


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